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Thursday, April 30, 2020

कोरोना वर्ल्ड वॉर-3 से कम नहीं है, हम कई चुनौतियों को पार करते आए हैं, हम इसे भी पार कर लेंगे: श्री श्री https://ift.tt/3f5CU71

बुधवार को फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर ने ‘हार्ट टू हार्ट’ सीरिज के पहले कार्यक्रम में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर से बातचीत की। कार्यक्रम की शुरुआत अभिनेता इरफान खान को श्रद्धांजलि देकर की। बातचीत में काेरोना, प्रेम, रिश्ते, रूढ़ियों, आध्यात्मिकता और धर्म जैसे विषय आए। श्री श्री ने कहा कोरोना विश्वयुद्ध से कम नहीं है। पढ़िए मुख्य अंश-

जौहर: आपने एक बार कहा था कि आपको दुख तभी होता है, जब दूसरों का दुख देखते हैं?
श्री श्री: दुख हमारे विश्वास का कोर नहीं है। जैसे परमाणु की संरचना होती है। उसके काेर में पॉजिटिव प्रोटोन और न्यूट्रॉन होते हैं। निगेटिव पार्टिकल उसके आसपास घूमते हैं। ऐसे ही हम सब के भीतर खुशी और आनंद है। दुख इसके चारों ओर घूमता रहता है। जब हम खुद काे पहचान लेते हैं, तो पाते हैं कि दुनिया में खुशी दुख से ज्यादा है। दुख गहराई देता है। खुशी विस्तार देती है।
जौहर: धर्म व अध्यात्म में क्या फर्क है।
श्री श्री: आध्यात्म लोगों को जोड़ता है। हम पदार्थ और आत्मा दोनों से मिलकर बने हैं। शरीर, एम्यूनो एसिड, कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन से बना है। आत्मा आनंद, उत्साह, दया, चरित्र, आत्मविश्वास से मिलकर बनी है। काेई भी चीज जो आत्मा को मजबूत करे, वो अध्यात्म है।
जौहर: अध्यात्म का रास्ता संपूर्णता की ओर ले जाता है, लेकिन धर्म के रास्ते में क्या कुछ कमी रह जाती है?
श्री श्री: हां। धर्म जन्म, विधि-विधान, परंपराओं का मामला है, लेकिन अध्यात्म व्यक्तिगत होता है। आध्यात्म सभी धर्म के लोगों को एक साथ ला सकता है। धर्म में कुछ प्रतिबंध और रुकावटें होती हैं। यह कोई बुरी बात भी नहीं है। धर्म को कभी-कभी इसकी जरूरत पड़ती है।
जौहर: कैसे पता चलता है कि दो लोगों में जो प्यार है वो सच्चा है?
श्री श्री: रिश्तों में दो चीजें होती हैं, एक प्यार और दूसरा सम्मान। प्यार दूरियों को नहीं मानता। जबकि सम्मान को कुछ दूरियों की जरूरत होती है। जब दो लोग पास आते हैं तो महसूस होता है कि एक-दूसरे का सम्मान खत्म हो रहा है। तब विवाद सामने आता है। विवादों को प्यार का हिस्सा ही मानना चाहिए।
जौहर: दुनिया कोरोना संकट से गुजर रही है। इसके बारे में क्या कहेंगे?
श्री श्री: कोरोनावायरस वर्ल्ड वॉर-3 से कम नहीं है।हम कई चुनौतियों को पार करके आए हैं। हम इसे भी पार कर लेंगे। खुद पर भरोसा रखिए। योगा कीजिए। मेडिटेशन कीजिए। आपको काफी शांति और ताकत मिलेगी।

श्री श्री ने रोचक तरीके से बताए शब्दों के अपने मायने

  • प्यार- प्रकृति।
  • शादी- त्याग का तरीका।
  • सफेद- क्योंकि उसमें सब रंग शामिल हैं।
  • लीडर- हर आदमी के भीतर एक लीडर है और वो आध्यात्मिक है।
  • पैशन (जूनून) क्या है? जो भी मैं करता हूं जूनून के साथ करता हूं।
  • स्टाइल स्टेटमेंट– कीप इट अप।
  • पसंदीदा फिल्म– हर इंसान की कहानी एक फिल्म की तरह है।
  • पसंदीदा गीत- मैं हूं मंजिल, मैं हूं सफर भी, मैं ही मुसाफिर हूं… मैं ही मुसाफिर हूं। (खुद का गाना है)


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श्री श्री ने कहा कोरोना विश्वयुद्ध से कम नहीं है।


from Dainik Bhaskar /national/news/corona-is-no-less-than-world-war-3-we-have-overcome-many-challenges-we-will-overcome-it-too-sri-sri-127260096.html

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