Header logo

Monday, April 27, 2020

भारतीय मूल के भाई-बहन अमेरिका में बुजुर्गों में कोरोना से लड़ने का जज्बा जगा रहे, एक हजार से ज्यादा लोगों को मिला फायदा https://ift.tt/2S8aYp0

कोरोना का सबसे बुरा असर बुजुर्गों की सेहत पर हुआ है। इससे इनमें डर बैठ गया है और वे भावनात्मक रूप से नकारात्मक होने लगे हैं। यूरोपीय देशों के अलावा अमेरिका में भी बुजर्ग परेशान हैं। इसे देखते हुए पेन्सिल्वेनिया में रहने वाले भारतीय मूल के भाई-बहन वहां के बुजुर्गों को कोरोना से लड़ने के लिए भावनात्मक रूप से मजबूत करने की पहल कर रहे हैं। ये बुजुर्गों को नोटपैड, आर्ट, स्कैच बुक, कलर पेन्सिल और सुडाेकू जैसी चीजें देते हैं। ताकि वे अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकें। बुजुर्ग लिखकर या स्कैच बनाकर मन का बोझ कम कर लेते हैं। इससे वे कोरोना के खिलाफ भी खुद को मजबूत बना पा रहे हैं।

बड़ी बात यह है कि इस काम के लिए ये बच्चे खुद ही फंड जुटाते हैं।

मुहिम से जुड़ेकरीब 2700 बच्चे

हिता गुप्ता (15 साल) हाईस्कूल और इनका भाई दिवित गुप्ता (9 साल) चौथी कक्षा में हैं। लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद हैं, इस समय का इस्तेमाल वे बुजुर्गों के लिए काम करके कर रहे हैं। हिता ब्राइटन ए डे नाम से एनजीओ भी चलाती हैं। इस मुहिम से करीब 2700 बच्चे जुड़ चुके हैं, वहीं 50 नर्सिंग होम के बुजुर्गों तक इसकी पहुंच है।

बुजुर्गों ने शुरु किया प्रचार

अमेरिका में बड़ी संख्या में बुजुर्ग अकेले या नर्सिंग होम में रहते हैं। कोरोना के कारण इनके मन में नकारात्मकता जल्दी घर करने लगी है। उबारने के लिए कुछ बुर्जुर्गों को नोटपैड और कलर पेंसिल दीं। शुरुआत में तो उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया पर धीरे-धीरे ये लोग अपने मन की बात रंगों और स्केच के जरिए रखने लगे। इस कोशिश को बुजुर्ग इतना पसंद करेंगे इसका अंदाजा किसी को नहीं था। वे पहले से ज्यादा सकारात्मक महसूस कर रहे हैं। उन्हें यह पहल इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने प्रचार भी करना शुरू कर दिया है।

बुजुर्ग अब खुद संपर्क करके बच्चों से यह सामग्री मंगवाने लगे हैं

दो महीने से चल रही इस पहल से 50 नर्सिंग होम के एक हजार से ज्यादा बुजुर्ग जुड़ चुके हैं, अब वे संपर्क कर ये सामग्री खुद मंगवाते हैं। अमेरिका में बुजुर्गों के लिए खासतौर पर नर्सिंग होम हैं। कोरोना के कारण इन नर्सिंग होम्स को स्थानीय प्रशासन ने आइसोलेट कर दिया है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
हिता गुप्ता (15 साल) हाईस्कूल और इनका भाई दिवित गुप्ता (9 साल) चौथी कक्षा में हैं। इस मुहिम से करीब 2700 बच्चे जुड़ चुके हैं, वहीं 50 नर्सिंग होम के बुजुर्गों तक इसकी पहुंच है।


from Dainik Bhaskar /national/news/more-than-a-thousand-people-benefited-from-the-siblings-of-indian-origin-in-america-fighting-with-the-corona-in-the-elderly-127248998.html

No comments:

Post a Comment

Lymphoid Hyperplasia: Causes, Symptoms, and Treatment

Lymphoid hyperplasia, often known as reactive lymphoid hyperplasia, is a medical condition characterised by an abnormal increase in the numb...